
एडवोकेट जतिन्द्र अरोड़ा द्वारा दी गई दलीलों से आरोप न साबित होने पर अदालत ने एक को किया बरी
जालंधर, एच एस चावला। अतिरिक्त ज़िला व सैशन जज अर्चना कम्बोज की अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में विकास उर्फ मोनू पुत्र मनोज कुमार निवासी फ्रैंड्स कालोनी, संसारपुर, थाना जालन्धर कैंट को आरोपी करार देते हुए 20 वर्ष की कैद व 20 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा का आदेश दिया है। जुर्माना न देने पर आरोपी को 6 माह और सज़ा भुगतनी पड़ेगी। आरोपी के खिलाफ पीड़िता की मामी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।

इसी केस में अदालत ने आरोप न साबित होने पर हरीश तेजी उर्फ हरी पुत्र दीपक निवासी फ्रैंड्स कालोनी संसारपुर, जालंधर कैंट को बरी करने का आदेश दिया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए बरी किए गए हरीश तेजी के वकील जतिन्द्र अरोड़ा ने बताया कि इन दोनों के खिलाफ 9 मार्च, 2023 को थाना सदर में मामला दर्ज किया गया था।
एडवोकेट जतिन्द्र अरोड़ा ने बताया कि आरोप था कि आरोपी उक्त लड़की को चीज़ दिलाने का झांसा देकर एक्टिवा पर ले गए थे और खेतों में जाकर विकास ने उससे दुष्कर्म किया। जिस पर सुनवाई करते हुए आज अदालत ने विकास को 20 वर्ष की कैद व 20 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का आदेश दिया है। एडवोकेट अरोड़ा ने बताया कि अदालत को दी गई दलीलों से हरीश पर आरोप न साबित होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया है।





























