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जालंधर प्रशासन ने पशुओं को सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ने पर लगाई पाबंदी

डिप्टी कमिश्नर ने दुर्घटनाओं और फसलों को होने वाले नुक्सान को रोकने के लिए जारी आदेशों को सख्ती से लागू करने के दिए निर्देश

जालंधर, एच एस चावला/हरनीत सिंह सोनी। लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए,डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल के नेतृत्व में जालंधर प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों और सड़कों के किनारे पशुओं को खुले में छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जारी आदेशों के संबंध में, डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कई निवासी अपने पशुओं को सड़कों और खेतों में खुले में छोड़ देते हैं, जिससे मानव जीवन को गंभीर खतरा होता है। इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाएँ होती है और खड़ी फसलों को भी काफी नुक्सान होता है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी ये पशु बेकाबू हो जाते है,जिससे पैदल चलने वालों और वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ जाता है।

इस जन समस्या के समाधान के लिए, प्रशासन ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग और पुलिस विभाग को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में इन प्रतिबंध आदेशों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए है।

गौरतलब है कि डा.अग्रवाल ने इससे पहले अधिकारियों को जिले की व्यापक पशु प्रबंधन योजना के तहत 31 अगस्त तक आवारा और असहाय पशुओं को गौशालाओं में भेजने के निर्देश दिए थे।

पशुओं की उचित देखभाल के लिए प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 9646-222-555 भी जारी किया है, जिस पर नागरिक घायल, बीमार या असहाय पशुओं की सूचना दे सकते हैं। हेल्पलाइन जारी करने का उद्देश्य तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि पशुओं को सुरक्षित रूप से गौशालाओं या अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए।

डिप्टी कमिश्नर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने, कृषि क्षति को रोकने और पशुओं की उचित देखभाल को बढ़ावा देने के लिए इस मुद्दे को पूरी तरह से हल करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई।

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