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डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को संभावी बाढ़ से बचाव के लिए मानसून से पहले पुख़्ता प्रबंध यकीनी बनाने के निर्देश दिए

अलग- अलग विभागों को बाढ़ से बचाव के लिए सौंपे कार्यों की प्रगति का लिया जायजा

कहा – प्रबंधों के पक्ष से लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी, सम्बन्धित विभागों के अधिकारी की ज़िम्मेदारी की जाएगी तय

अधिकारियों को मुस्तैद रहने और आपसी तालमेल के साथ काम करने के लिए कहा

ज़िला स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित

जालंधर, एच एस चावला। मानसून सीजन दौरान संभावी बाढ़ की रोकथाम के लिए डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने ज़िले में चल रहे बाढ़ रोकने के प्रबंधों का जायज़ा लिया । उन्होंने अधिकारियों को ऐसे किसी भी हालात से निपटने के लिए बरसात से पहले-पहले बाढ़ से बचाव के लिए पुख़्ता इंतज़ाम यकीनी बनाने के सख़्त निर्देश दिए।

डिप्टी कमिशनर ने मार्च महीने हुई मीटिंग में अलग- अलग विभागों को संभावी बाढ़ से बचाव के लिए सौंपे गए कामों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कहा कि सभी प्रबंध बरसात से पहले पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी तैयारी में किसी भी संकट की स्थिति के साथ सही तरीके से निपटा जा सकता है।

आज यहाँ ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स में मीटिंग दौरान डिप्टी कमिश्नर ने अलग- अलग विभागों के आधिकारियों को आपसी तालमेल के साथ काम करने पर ज़ोर दिया और किसी भी असुखद घटना को घटने से रोकने के लिए मुस्तैद रहने के आदेश दिए।

अधिकारियों को सौंपी गई ड्यूटी पूरी तनदेही के साथ निभाने की बात करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रबंधों के पक्ष से किसी भी किस्म की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सख़्त ताड़ना करते हुए कहा कि संभावी बाढ़ की रोकथाम सम्बन्धित प्रबंधों/ कार्यों में यदि किसी विभाग की कमी सामने आई तो सम्बन्धित अधिकारी की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी।

डा. अग्रवाल ने कहा कि बारिश से पहले ज़िले के शहरों/ गांव के ड्रेनेज, नालों की सफ़ाई के साथ-साथ सीवरेज की सफ़ाई भी करवाई जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके में पानी रुकना/ भरना नहीं चाहिए, जिसके लिए ज़रुरी प्रबंध अभी से ही अमल में लाए जाएं। उन्होंने टूटें पुलों की मुरम्मत, पानी की निकासी, नाजुक स्थानों के मज़बूतीकरन, रेत की बोरियों सहित बाढ़ से बचाव और अन्य कामों की प्रगति का भी जायज़ा लिया और इनको पहल के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि फलड्ड लाईटों, सर्च लाईटों, लाईफ़ जैकट, वायरलैस सैट, रस्से, किश्तियों और अन्य समान की पहले ही जांच कर ली जाए और यदि किसी सामान की मुरम्मत या नया ख़रीदने की ज़रूरत है तो तुरंत की जाए।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ज़िला स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम पहले ही स्थापित करके स्टाफ की ड्यूटियां लगाई जा चुकी है। उन्होंने तहसील स्तर पर भी जल्द से जल्द बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित करने के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों को भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट के साथ पूरा तालमेल रखने के लिए कहा, जिससे पानी के स्तर बारे पल-पल की जानकारी हासिल की जा सके और संभावी बारिश और बाढ़ दौरान प्रशासकीय स्तर पर कोई मुश्किल पेश न आए। इसके इलावा गेज रिपोर्ट रोज़ानां के आधार पर प्रशासन के साथ सांझा करने के लिए भी कहा।

उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को कहा कि पीने वाला साफ़ पानी, राशन स्पलाई, पेट्रोल- डीज़ल स्पलाई, डाक्टरों की टीमों और दवाओं, पशुआं के लिए दवाएं और चारें का इंतज़ाम, स्प्रे, फोगिंग मशीनों, दूर संचार व्यवस्था, वाहनों का प्रबंध, तैराक, किशतीचालकों और गोताखोरों की सूची आदि सम्बन्धित कार्य भी समय पर पूरे कर लिए जाएँ।

डिप्टी कमिशनर ने अधिकारियों को गाँवों और शहरों में ऊँचे स्थानों की शिनाख़्त करने के लिए भी कहा जिससे यदि बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है तो लोगों को वहां राहत कैंपों में सुरक्षित पहुंचाया जा सके।
इस दौरान अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) मेजर डा.अमित महाजन, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) लखविन्दर सिंह रंधावा, एस.डी.एम. बलबीर राज सिंह, एस.डी.एम. अमनपाल सिंह, एस.डी.एम. ऋषभ बांसल, ज़िला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह और अलग- अलग विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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