
बाढ़ और लगातार बारिश के बाद बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों और लोगों की भागीदारी पर जोर
केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित पंजाब के पुनर्निर्माण के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बकाया फंड तुरंत जारी करने की अपील
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने में शानदार भूमिका निभाने वाले समाजसेवियों की सराहना
जालंधर, एच एस चावला। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलवीर सिंह ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम जालंधर को हाल ही में आई बाढ़ और लगातार बारिश के बाद पानी और मच्छरों से होने वाली बीमारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के निर्देश दिए।

यहां जिला प्रशासकीय परिसर में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बीमारियों के संभावित प्रसार, खासकर डायरिया के लिए तैयारी करना समय की जरूरत है। कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पानी की जांच और क्लोरीनेशन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इस अवसर पर उनके साथ विधायक बलकार सिंह, विधायक इंद्रजीत कौर मान, नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(ज) अमनिंदर कौर, डा.रमन गुप्ता, सीनियर आप नेता राजविंदर कौर थियाड़ा, नितिन कोहली, दिनेश ढल्ल और प्रिंसिपल प्रेम कुमार भी मौजूद थे।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जिले भर में खड़े पानी की निकासी और उचित फॉगिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए डेंगू के लारवा की जांच के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मजबूत बाढ़ कंट्रोल व्यवस्थाओं के कारण जिले को बाढ़ जैसी स्थिति से बचाने के लिए जालंधर प्रशासन की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप सतलुज नदी में पानी के तेज प्रवाह के बावजूद जिले भर में बांध में कोई दरार नहीं आई।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से किसी भी आपात स्थिति में स्वास्थ्य हेल्पलाइन 104 डायल करने की अपील की और आश्वासन दिया कि 24 घंटे तत्काल मैडिकल सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने सामाजिक संगठनों और इंडियन मैडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) को भी बाढ़ प्रभावित परिवारों को स्वेच्छा से गोद लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में इससे बड़ा कोई नेक कार्य नहीं हो सकता।
डा. सिंह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और जिन किसानों की फसलों का नुक्सान हुआ है, उन्हें 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा और दरिया किनारे रहने वाले किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने और बेचने की अनुमति देने वाली नई नीति जैसे जन-हितैषी कदमों पर प्रकाश डाला।
एन.जी.ओ. और समाजसेवियों की भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्होंने इंडियन मैडिकल एसोसिएशन, रोटरी क्लब, डिवाइन ओंकार मिशन यूके और अमेरिका से समाजसेवी अमरजीत सिंह सहित संगठनों की सराहना की, जिन्होंने गुरदासपुर और पठानकोट में बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए सामूहिक रूप से 30 चेक सौंपे।
स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार पर पंजाब के बकाया 60,000 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने पर जोर दिया और कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को फिर से बहाल करने के लिए यह फंड बहुत महत्वपूर्ण हैं।





























