
PRIME INDIAN NEWS✍️H S CHAWLA
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और मशहूर निर्देशक मनोज कुमार का आज सुबह निधन हो गया है। उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने बताया कि 87 वर्ष की आयु में उन्होंने सुबह करीब 3:30 बजे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं। उनका अंतिम संस्कार कल 12 बजे किया जाएगा। आज उनका पार्थिव शरीर अस्पताल में ही रखा जाएगा।
मनोज कुमार ने अपने फिल्मों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद को प्रमुखता से पेश किया, यही वजह है कि दुनिया भर में उन्हें ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने सिनेमा जगत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, उनकी मौत से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री में शोक है।
मनोज कुमार ने अपनी करियर में कई फिल्मों का निर्देशन और अभिनय किया, जिनमें ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘कर्मयुद्ध’ दस नंबरी व क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं. इनके लिए उन्हें पद्म श्री और दादा साहब फाल्के जैसी कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1975 में आई फिल्म ‘फैशन’ (1957) में एक छोटे से किरदार से की. हालांकि, उन्हें असली पहचान 1962 में रिलीज हुई फिल्म ‘हरीयाली और रास्ता’ से मिली. अभिनय के बाद उन्होंने निर्देशन में भी हाथ आजमाया. इसकी शुरुआत उन्होंने 1965 की फिल्म ‘शहीद’ से की, जिसकी कहानी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के जीवन पर आधारित. उसके बाद उन्होंने 1967 की फिल्म ‘उपकार’ बनाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने करियर के दौरान बहुत कामयाबी हासिल की, उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म ‘मैदान-ए-जंग’ थी।
बहराल, अभिनेता मनोज कुमार के निधन से अदाकारी के एक बेहतरीन युग का अंत हो गया है।





























