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देवी-देवताओं की मूर्तियों व तस्वीरों को सड़कों, चौराहों व गली मोहल्लों में लगे पीपल के वृक्षों के नीचे रख कर पाप के भागीदार न बनें – जगमोहन वर्मा/मनीषा जैन/संतोष पांडे

कहा – शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार ही मूर्तियों व तस्वीरों को जल प्रवाह करें, आपके घर परिवार में सब कुशल मंगल होगा

जालंधर कैंट, एच एस चावला/सैवी चावला। देवी-देवताओं की मूर्तियों व तस्वीरों को रास्तों में (सड़कों, चौराहों व गली मोहल्लों में) लगे पीपल के वृक्षों के नीचे रख कर लोग पाप के भागीदार न बनें। इन शब्दों का प्रगटावा जालंधर कैंट के निवासी जगमोहन वर्मा, मनीषा जैन व पंडित संतोष पांडे ने PRIME INDIAN NEWS के प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए किया।

उन्होंने कहा कि सभी लोग दिन-त्योहारों के चलते देवी देवताओं की मूर्तियां व तसवीरें बड़े ही आदर सत्कार के साथ अपने घरों में लेकर आते हैं और बड़ी ही श्रद्धा भावना सहित उनकी पूजा करते हैं। इसके बाद अगले दो तीन दिनों में इन मूर्तियों व तस्वीरों को सड़कों, चौराहों व गली मोहल्लों में लगे पीपल के वृक्षों के नीचे रख कर आ जाते हैं जोकि सरासर गलत है।

जगमोहन वर्मा, मनीषा जैन व पंडित संतोष पांडे ने कहा कि देवी देवताओं का निरादर है कि हर कोई दिन त्यौहारों पर पूजा अर्चना करते समय उन्हें अपना सबकुछ मान कर घर परिवार में मंगल कामना की प्रार्थना करते हैं और अगले दो तीन दिनों में उन्हें घर के बाहर कर देते हैं जोकि घोर पाप भी है, जिसका खमियाज़ा हर हाल में भुगतना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार ही देवी देवताओं की मूर्तियों व तस्वीरों को जल प्रवाह करना चाहिए। अगर ये न हो सके तो घर में ही किसी बड़े बर्तन में जल भर कर उसमें मूर्तियों को जल प्रवाह करें और जब वह पूरी तरह जल में मिल जाएं तो उन्हें घर में ही रखे पौधों के गमलों में डाल दें। इसी तरह देवी देवताओं की तस्वीरों को भी शीशे के फ्रेम में से निकाल कर अगन भेंट कर के उसकी राख को भी घर में ही रखे पौधों के गमलों में डाल दें। इससे आप पाप के भागीदार नहीं बनोगे और आपके घर परिवार में सब कुशल मंगल होगा।

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